❤️ बुआ ने बनाई मुझे असली औरत ❤️ ❤️ हिंदी में क्रॉसड्रेसर की दिलचस्प कहानी ❤️



मेरा नाम रवि है। बचपन से ही मुझे लड़कियों के कपड़े पहनने का बहुत शौक था। मैं हमेशा यह सोचता था कि भगवान ने मुझे लड़की क्यों नहीं बनाया। जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरी यह इच्छा और भी प्रबल होती गई। लेकिन समाज और परिवार के दबाव के कारण मुझे अपनी इच्छाओं को दबाकर लड़के की जिंदगी जीनी पड़ रही थी। इस वजह से मैं अपनी जिंदगी से खुश नहीं था।

बचपन में, मैं अक्सर अपनी मां और बहन के कपड़े पहनकर अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करता था। मुझे अच्छी तरह याद है कि एक बार मेरे चाचा की शादी थी। शादी में लड़के और लड़कियों वाले सभी रिश्तेदार एक जगह पर इकट्ठा हुए थे। परिवार के सभी सदस्य शादी में पांच दिनों के लिए जा रहे थे, लेकिन किसी को घर पर रुकना भी था। मैंने घर पर रुकने का निर्णय लिया, और सभी ने इसे मान भी लिया।

हालांकि, मेरी मां ने यह सोचकर कि मैं अकेले घर पर कैसे रहूंगा, मेरी छोटी बुआ को भी रुकने के लिए कहा। इससे मैं उदास हो गया क्योंकि उनकी मौजूदगी में मुझे अपनी इच्छाओं को पूरा करने का मौका नहीं मिलता। अगले दिन, जब सभी लोग शादी में चले गए, तो घर में सिर्फ मैं और मेरी बुआ रह गए।

रात को खाना खाने के बाद, मेरी बुआ मेरी मां के कमरे में सोने चली गईं, और मैं अपने कमरे में गया। तभी मेरी नजर बुआ के बैग पर पड़ी, जो मेरे कमरे में रखा हुआ था। मुझे लगा कि बुआ का साइज मेरे जैसा ही है, इसलिए मैंने सोचा कि उनके कपड़े पहनकर देखता हूं। मैंने बैग खोला तो उसमें सुंदर साड़ियां और ड्रेस रखी हुई थीं। मैंने लाल रंग का कढ़ाई वाला ब्लाउज निकाला और जल्दी से पहन लिया। ब्लाउज की फिटिंग बिल्कुल सही थी।

इसके बाद मैंने पेटिकोट और फिर लाल रंग की साड़ी पहन ली। लेकिन जैसे ही मैंने साड़ी पहननी शुरू की, अचानक मेरे कमरे का दरवाजा खुला और मेरी बुआ मुझे देखती हुई मुस्कुराने लगीं। मैं डर के मारे कुछ भी नहीं बोल पाया। लेकिन बुआ ने मुझे डांटने के बजाय कहा, "तुम्हें साड़ी पहननी नहीं आती, चलो, मैं सिखाती हूं।"

उनके इस जवाब से मुझे बहुत राहत मिली। मैंने उनसे पूछा, "क्या आपको अजीब नहीं लग रहा कि मैं आपके कपड़े पहन रहा हूं?" उन्होंने कहा, "इसमें अजीब लगने की क्या बात है। बहुत से लड़कों को लड़कियों के कपड़े पहनना पसंद होता है। यह तुम्हारी अपनी पसंद है, और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।"

यह सुनकर मुझे बहुत सुकून मिला। फिर उन्होंने कहा, "आज मैं तुम्हें लड़की बनने में पूरी मदद करूंगी, लेकिन पहले मुझे सब कुछ बताओ।" मैंने उन्हें अपने दिल की बात बता दी, कि मुझे बचपन से ही लड़की बनना पसंद है। यह सुनकर उन्होंने कहा, "चिंता मत करो, मैं तुम्हारी मदद करूंगी।"

उन्होंने मुझे बाल साफ करने की एक क्रीम दी और कहा कि इसे लगाकर नहा लो। मैंने वैसा ही किया। फिर उन्होंने मुझे एक ब्रा पहनने को दी, और मैंने उसे पहन लिया। इसके बाद, बुआ ने मुझसे पूछा कि क्या मैं साड़ी पहनूंगा या सलवार-कुर्ता। मैंने साड़ी पहनने की इच्छा जाहिर की।

बुआ ने मुझे गुलाबी रंग की साड़ी और ब्लाउज पहनाया और मेरा मेकअप करने लगीं। उन्होंने मेरे चेहरे पर फाउंडेशन, पाउडर, काजल, आईशैडो और लिपस्टिक लगाई। मेरे हाथों और पैरों के नाखूनों पर नेल पॉलिश लगाई। फिर मेरे हाथों में चूड़ियां और पैरों में पायल पहनाईं।

उन्होंने कहा, "तुम्हें पूरी तरह से लड़की बनने के लिए अपने नाक और कान छिदवाने होंगे।" फिर उन्होंने मेरी नाक और कान में छेद कर दिए और झुमके और नथ पहनाई। झुमके भारी थे, और जब भी मैं हिलता, वे लटकने लगते, जो मुझे अच्छा लग रहा था।

शीशे में जब मैंने खुद को देखा, तो मैं खुद को पहचान नहीं पाया। मैंने बुआ से कहा, "काश मेरे बाल लंबे होते।" बुआ ने कहा, "चिंता मत करो, अभी हम तुम्हारे लिए विग लेकर आते हैं।" मैंने डरते हुए कहा, "साड़ी पहनकर बाहर कैसे जाऊंगा?" उन्होंने जवाब दिया, "अब तुम लड़की बन चुके हो। तुम्हारा नाम रवि नहीं, स्वाति है।"

बुआ के साथ मैं मार्केट गया। दुकानदार ने मुझे देखकर बहन जी कहकर बात की। बुआ ने मेरे लिए विग और कुछ कपड़े खरीदे। वापस आकर उन्होंने मुझे विग पहनाई और अच्छी तरह से सेट कर दिया।

अगले चार दिनों तक मैं लड़की बनकर रहा। बुआ ने मुझे लड़कियों के सारे काम सिखाए। घर के सभी लोग जब शादी से लौटे, तो दरवाजा खोलने पर मेरी मां ने मुझे लड़की के रूप में देखा और हंसने लगीं। बुआ ने सबको मेरी स्थिति समझाई।

धीरे-धीरे परिवार ने मेरी भावनाओं को स्वीकार कर लिया और मेरी सर्जरी कराने का फैसला किया। अब मैं पूरी तरह से लड़की बन चुकी हूं और अपना सपना पूरा कर चुकी हूं। मेरा परिवार मुझे बहुत प्यार करता है, और मैं अपनी जिंदगी से बेहद खुश हूं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

❤️ क्रॉसड्रेसर की यात्रा ❤️ ❤️ हिंदी में क्रॉसड्रेसर की दिलचस्प कहानी ❤️

एक अनोखी किटी पार्टी। पति का बीवी की साड़ी पहनकर पार्टी में जाना